Saurabh Chandrakar Story: बुधवार के कारोबारी सेशन के दौरान रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और एचडीएफसी बैंक के शेयरों में मजबूती दिखी। वहीं, फाइजर के शेयरों में 16% जबकि आईआईएफएल के शेयरों में 10 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई।
शेयर बाजार (Stock Market) में आप भी निवेश करते हैं तो यह खबर बहुत काम की है. भारतीय स्टॉक मार्केट में पहली बार कुछ ऐसा हो रहा है, जो आजतक नहीं देखने को मिला. इस बार विदेशी निवेशक ऐसा रास्ता बना रहे हैं, जो पूरे बाजार का रुख बदल सकता है. उनका मकसद भारतीय बाजार से मोटा रिटर्न कमाने के साथ स्थिरता पर दिख रहा है. इसका फायदा खुदरा और छोटे निवेशकों को भी मिलेगा.
दरअसल, पहली बार विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार की मिड और स्मॉल कैप कंपनियों पर ज्यादा दांव लगाना शुरू किया है. अभी तक उनका जोर कम जोखिम और स्थिर रिटर्न वाली लार्ज कैप कंपनियों पर था, लेकिन अब विदेशी निवेशक छोटी और मझोली कंपनियों पर ज्यादा दांव लगा रहे. इसका मकसद ये है कि छोटी-मझोली कंपनियों में ग्रो करने की ज्यादा क्षमता है और इनके बढ़ने से पूरे शेयर बाजार का विकास होगा, क्योंकि ऐसी कंपनियों की संख्या भी ज्यादा है.
Saurabh Chandrakar In Hindi : ब्लूमबर्ग एनालिसिस रिपोर्ट के अनुसार, विदेशी निवेशकों की 10 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी वाली कंपनियों की संख्या एक साल में 257 से बढ़कर 275 पहुंच गई है. इसमें से ज्यादातर बढ़ोतरी छोटी और मझोली कंपनियों में की गई है. विदेशी निवेशक दुनिया की सबसे तेज बढ़ती अर्थव्यवस्था वाले शेयर बाजार में नई संभावनाएं तलाश रहे हैं, जो उनके पैसे को तेजी से बढ़ा सकें.
Sourabh Chandrakar Latest News :
विदेशी निवेशकों ने ऐसे ही नहीं झोली-मझोली कंपनियों का रुख किया है. बीते एक साल के रिटर्न के आंकड़े देखकर आपको भी समझ आ जाएगा कि उनकी रणनीति में यह बदलाव क्यों हो रहा है. दरअसल, मिड और स्मॉल कैप स्टॉक ने बीते एक साल में 60 फीसदी का रिटर्न दिया है, जबकि इसी दौरान एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स ने 23 फीसदी का रिटर्न अपने निवेशकों को दिया.